संघर्षों की तपिश ने दिन में दिखाये तारे। संघर्षों की तपिश ने दिन में दिखाये तारे।
संघर्ष संघर्ष
पथराती आँखें पर हम चलते रहें कदम रुके नहीं। पथराती आँखें पर हम चलते रहें कदम रुके नहीं।
इस कविता में मैंने जीवन के संघर्ष की कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं... इस कविता में मैंने जीवन के संघर्ष की कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं...
खुद तकलीफ़ सहकर भी सदा ही वह हँसती रहती... खुद तकलीफ़ सहकर भी सदा ही वह हँसती रहती...
कुछ मोड़ रहे गये मंज़िल में, इनको को भी तू अब पार लगा। कुछ मोड़ रहे गये मंज़िल में, इनको को भी तू अब पार लगा।